प्रदुषण एक समस्या पर निबंध | Pradushan ek samasya

pradushan ek samasya – आज देश भर में प्रदूषण की भीषण समस्या है और इसका प्रभाव हमारे मानव जीवन पर पड़ रहा है इस पर हमें प्रदूषण कम करने के लिए कुछ उपाय करने होंगे विभिन्न देश की तरह हमारे देश में भी प्रदूषण कम करने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं इस पर हम आज चर्चा करते हैं और आज इस पोस्ट के जरिए हम हमको बताएंगे की प्रदूषण (pradushan ki samasya) के बारे में प्रदूषण से हवा पानी मौसम चक्र और जल वायु खराब होते जा रहे हैं और आजकल बहुत सारे नई-नई बीमारियां प्रदूषण के कारण हो रही है.

प्रदूषण का अर्थ

प्रदूषण (pradushan) का मतलब है साफ सुथरी हवा का अभाव, साफ पानी का न होना, डॉल्बी की ध्वनि बहुत तेज होती है, इससे वातावरण दुषित होता है. इन सब को मिलाकर हम प्रदूषण कहते हैं, जिसका पर्यावरण पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है,जैसे हानिकारक जहरीली गैस और इसका प्रकृति पर पड़ने वाला प्रभाव, प्रदूषण है. प्रदूषण मानव जाति को प्रभावित कर रहा है.

प्रदूषण के कारण

आइए जानते हैं कि प्रदूषण के कारण क्या हैं। मूल रूप से देखा जाये तो, प्रदूषण मानव निर्मित कारणों से होता है जैसे की खुले में कचरा फेंकना, कारखानों से रसायनों को नदियों या नालों में छोड़ना, साथ ही तेज आवाज बजाने वाले साउंड सिस्टम, हवा में धूल और धुआं तेजी से फैलना। गाड़ियाँ से निकले वाला धुवा भी प्रदूषण (pradushan) बढ़ा रही हैं। प्रदूषण कम करना हमारी जिम्मेदारी है. इसलिए प्रदूषण (pradushan) को रोकने के लिए हमें बहुत सारे पेड़ लगाने होंगे और लोगों को जागरूक करना होगा ताकि हम प्रदूषण को नियंत्रित कर सकें और प्रकृति की रक्षा कर सकें।

प्रदूषण के प्रकार

प्रदूषण (pradushan) के चार मुख्य प्रकार हैं। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण के अलावा कुछ अन्य प्रकार भी हैं जैसे रेडियोधर्मी प्रदूषण, प्रकाश प्रदूषण चाहिये तो फिर हम वन बाय वन प्रकार देखते है.

1) वायु प्रदूषण (Vayu Pradushan in hindi)

vayu pradushan ka chitra

वातावरण में रसायन तथा अन्य सुक्ष्म कणों की मुक्ति को वायु प्रदुषण कहते हैं। वायु प्रदूषण (pradushan) अक्सर कारखानों से निकलने वाले धुएं और जहरीली गैस और मोटर वाहनों से निकलने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों के कारण होता है। यह हवा को प्रदूषित करता है और मानव जीवन पर भारी प्रभाव डालता है, जिससे शासन संबंधी विकार उत्पन्न होते हैं। धूल और मिट्टी के सूक्ष्म कण सांस के साथ फेफड़ों में पहुंचकर कई बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं। वायु प्रदूषण का सीधा नकारात्मक प्रभाव हमारे फेफड़ों, नाक-मुंह, और आंतरिक स्वास्थ्य पर होता है। यह बढ़ती चीनी, खांसी, और अन्य श्वास संबंधित रोगों के आधार है। अगर हम हवा को साफ करना चाहते हैं तो हमें पेड़ लगाने होंगे, पेड़ हमें हवा को साफ करने में मदद करते हैं, वायु प्रदूषण का असर महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और आसपास के शेत्र को प्रभावित कर रहा है।

वायु प्रदूषण पर स्लोगन | Air Pollution Slogans in Hindi

निचे वायु प्रदुषण पर स्लोगन दिए गए है.

  • जहरीली हवा से सबको अगर है बचाना ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना, जीवन हमारा कितना खूबसूरत है इसको बचाने के लिए शुद्ध हवा की जरूरत है।
  • वायु प्रदुषण (pradushan) को रोको, अपने बच्चो के भविष्य की और देखो.
  • शुद्ध हवा अब है जरूरी, पर्यावरण को स्वच्छ रखकर होगी कामना पूरी.
  • वायु प्रदूषण पर प्रतिबंध लगाये,चलो हम सब मिलकर अपनी जिंदगी बचाये।
  • पेड़ों को ना आप काटिए, मनुष्य की आयु बढाइये।
  • करना है हमे इस दूषित हवा को साफ, तभी तो करेंगें नेए कल की शुरुआत।
  • तरक्की की क्या हमने गढ़ी कहानी हैं, वायु प्रदूषण ही इसकी सबसे बड़ी निशानी हैं.
  • पेड़ लगाओ जीवन बचाओ, प्रकृति हमसे कह रही, ताजी हवा की कमी के कारण, बीमारियां हमला कर रही.
  • वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, ये ताज़ा ऑक्सीजन के स्तर को कम कर रहा है।
  • प्रदुषण लगातार बढ़ रहा है, शहरों को धुएं से ढक रहा है।
  • बढ़ते हुए यह धुएं से है सब परेशान, और दुर्लभ खतरे में है मनुष्य की जान.
  • वायु प्रदूषण रोगग्रस्त वातावरण का रास्ता है।

2) जल प्रदूषण (Water Pollution)

Water Pollution

जल पर्यावरण का एक अभिन्न अंग है. जिनके बिना हमारा जीवन अधूरा है.इसलिए कहा जाता है की जल ही जीवन है.आज जल प्रदूषण बहुत एक गंभीर समस्या बन चुका है.जल प्रदूषण (pradushan) का मुख्य कारण उद्योग धंधे हैं. मानव गतिविधियों के द्वारा उत्पन्न जहरीले प्रदूषकों से पीने के पानी का गंदा होना ही जल प्रदूषण है. कारखाने में से निकलने वाले रासायनिक द्रव्य, कचरे को नदियों मे तालाबों में छोड़ दिया जाता है. इसके अलावा घरेलू कचरे का नदियों और तालाबों में फेंका जाना इससे जल प्रदूषित होता है. जल प्रदूषण के कारण कई जीव जंतु की मृत्यु हो जाती है.

पृथ्वीपर केवल ०.३ प्रतिशत भाग ही स्वच्छ एवं साफ है. इसलिए हमें जल को प्रदूषित होने से बचाना है.

जल प्रदूषण पर स्लोगन | Water Pollution Slogans in Hindi

  • मत फैलाओ अब प्रदुषण, पर्यावरण का करो संरक्षण.
  • प्रदुषण को रोकने का संकल्प ले,एक बेहतर पर्यावरण का निर्माण करे.
  • हर भारतवासी का है यह सपना,प्रदुषण मुक्त हो भारत अपना.
  • पानी बचाने का करो जतन, क्योंकि पानी है बहुमूल्य रतन।
  • जब तक पानी है, तब तक जिंदगानी है।
  • जीवन जल पर निर्भर है, और जल संरक्षण आप पर।
  • एक कदम और बढ़ाओ, जल बचाने की परंपरा बनाओ।
  • पानी बचाने के कई तरीके हैं। और, वे सब आपसे शुरू होते हैं।
  • तुम पानी बचाओगे, तो पानी तुम्हें बचाएगा।
  • जल है जीवन के लिए अनमोल, इसका नहीं है कोई मोल।
  • जल बचाओगे, तो समझदार कहलाओगे।
  • पानी के महत्व को जानने के लिए किसी रेगिस्तान में जाएं।
  • स्वच्छ जल ईश्वर का वरदान है, इसे प्रदूषित न करें।

3) मृदा / भूमि प्रदूषण (Soil Pollution)

Soil Pollution

मिट्टी को पृथ्वी की पपड़ी की सबसे ऊपरी परत के रूप में परिभाषित किया गया है।इसमें अकार्बनिक पदार्थ, कार्बनिक पदार्थ, जल, वायु और कई जीवित जीव शामिल हैं। मिट्टी पौधों की वृद्धि के लिए सहायता और पोषक तत्व प्रदान करती है। स्वस्थ मिट्टी एक बहुमूल्य संपदा होती है। हम जन लेते है मृदा प्रदुषण क्या है?

मृदा प्रदुषण क्या है? | What is Soil pollution?

मृदा प्रदूषण (pradushan) को मनुष्य के हस्तक्षेप के माध्यम से मिट्टी की भौतिक, रासायनिक और जैविक स्थितियों में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया गया है जिसके परिणामस्वरूप गुणवत्ता में गिरावट आई है। यह औद्योगिक विकास, गहन कृषि और अन्य मानवजनित गतिविधियों में तेजी से वृद्धि के कारण होता है।

मृदा प्रदूषण मिट्टी की भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रकृति को बदल सकता है और इसे पौधों के विकास, जानवरों और मानव उपयोग के लिए अनुपयुक्त बना सकता है। ये प्रदूषक मिट्टी की गुणवत्ता को कम करते हैं, मिट्टी के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ते हैं।

मृदा प्रदुषण पर स्लोगन | Soil Pollution Slogans in Hindi

  • मिटटी नहीं बचाओगे, तो अनाज कहा से लाओगे.
  • मृदा शक्ति को बढाए, प्रकुतिक खेती को अपनाये.
  • मिटटी है जीवन अपना, उसे बचाने का हें हम सबका सपना.
  • मृदा प्रदुषण पर प्रतिबंध लगाए, पेड़ लगाकर पर्यावरण बचाए.
  • जीवन में कुछ करके दिखाना है मातृभूमि को प्रदूषण रहित बनाना है
  • मातृभूमि को प्रदूषण से बचाआगे तुम भविष्य में खुशियां लाओगे तुम
  • मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए आगे बढ़ो अब तुम ना पीछे हटो
  • फल फूल यदि तुम्हें चाहिए मृदा को प्रदूषण से बचाइए
  • इस क्रांति में हम शामिल हो मातृभूमि को प्रदूषण रहित बनाने में हम शामिल हो।

4) ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution)

Sound Pollution

dhvni pradushan kise kahate hain – शोर मनुष्यों, जानवरों या यांत्रिक वातावरण द्वारा उत्पन्न एक सीमा के पार आवाज ध्वनि है।

ध्वनि प्रदूषण (pradushan) वह है जब वातावरण में बहुत अधिक शोर होता है जो मनुष्यों और जानवरों के लिए बहुत हानिकारक होता है, ध्वनि प्रदूषण जोर जोर से बज ने वाले साउंड्स सिस्टम्स, मोटर वाहनों के आवाज से भी होता है. इसे हम ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।

ध्वनि प्रदूषण (pradushan) से इंसानोको और अन्य पशु को बहुत पीड़ा होती है इससे सबको चिड़चिड़ापन एवं आक्रामकता के अतिरिक्त उच्च रक्तचाप, तनाव, श्रवण शक्ति का ह्रास, कर्णक्ष्वेड, नींद में गड़बड़ी । एकाग्रता में कमी – ध्वनि प्रदूषण हमारी एकाग्र क्षमता को प्रभावित करता है। जिससे लोगों के काम करने की क्षमता और गुणवत्ता को कम होती है, और अन्य हानिकारक प्रभाव पैदा कर सकता है.

ध्वनि प्रदूषण (pradushan) से बचाव बचने के लिए हमें अधिक-से-अधिक पेड़ लगाये जायें जिनसे ध्वनि प्रदूषण कम करने में सहायता मिलेगी। सड़क किनारे पौधारोपण कर पौधों की लंबी कतार खड़ी करके ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सकता है। हरे पौधे ध्वनि की तीव्रता को 10 से 15 डीबी तक कम कर सकते हैं। इंसानों को 80 डीबी तक सुनने की शमता होती है.

ध्वनि प्रदूषण के स्रोत

  1. मोटर वाहन या सड़क पर यातायात के द्वारा उत्पन्न शोर ।
  2. बिजली उपकरण अथवा दैनिक जीवन में घरेलू उत्पादकों से निलकने वाला शोर.
  3. निर्माणकार्य के कारण उत्पन्न शोर।
  4. औद्योगिक शोर या फैक्टरी और मशीनरी से शोर।
  5. विमान जैसे हवाई जहाज से निकलने वाला शोर
  6. रेल यातायात या ट्रेनों से निकलने वाला शोर।

ध्वनि प्रदूषण पर स्लोगन | Sound Pollution Slogans in Hindi

  • “ध्वनि प्रदूषण से बढ़ता तनाव, वातावरण को बनाएं साफ।”
  • “मत करो इतना भी शोर, जिससे दिल होता कमजोर।”
  • “ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाओ,” वातावरण को शुद्ध बनाओ।”
  • “ध्वनि प्रदूषण कम करना है, जिम्मेदार नागरिक बनना है।”
  • “ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाएं, श्रवण शक्ति को तेज बनाएं।”
  • “कृपया पटाखें ना जलाएं, वायु संग ध्वनि प्रदूषण ये फैलाएं।”
  • “शोर करके ना खुशी मनाएं, औरों को ना दुख पहुंचाएं।”
  • “मानव जब शोर मचाए, पशु-पक्षी भी घबरा जाए।”
  • “तेज ध्वनि करती परेशान, फैलाए ध्वनि प्रदूषण जिससे होता नुकसान।”
  • “धरती को स्वर्ग बनाएं, प्रदूषण हम ना फैलाएं।”

कुछ अन्य प्रकार के प्रदूषण भी मोजूद है।

5) रेडियोधर्मी प्रदूषण (Radioactive Pollution)

pradushan ek samasya

Radioactive Pollution

रेडियोधर्मी प्रदूषण (pradushan) को मानव गतिविधियों के कारण रेडियोधर्मी कचरे के रूप में हवा, पानी या भूमि में उच्च ऊर्जा कणों या रेडियोधर्मी पदार्थ के उत्सर्जन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। मानव गतिविधियों के कारण ‘रेडियोधर्मी अपशिष्ट’ के रूप में हवा, पानी या भूमि में उच्च ऊर्जा कणों या रेडियोधर्मी पदार्थ (विकिरण) का उत्सर्जन।

रेडियोधर्मी प्रदूषण, किसी भी अन्य प्रकार के प्रदूषण की तरह, पर्यावरण में किसी अवांछित चीज़ का विमोचन है और, इस मामले में, अवांछित चीज़ रेडियोधर्मी सामग्री है। रेडियोधर्मी प्रदूषण के संपर्क में आने से मानव शरीर में विभिन्न विकार होते हैं, जिनमें ल्यूकेमिया,कैंसर, मोतियाबिंद,आनुवंशिक उत्परिवर्तन, आदि शामिल हैं।

Causes of Radioactive Pollution | रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण

  • Production of nuclear fuel (परमाणु ईंधन का उत्पादन)
  • Nuclear power reactors (परमाणु ऊर्जा रिएक्टर)
  • विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उद्योगों में रेडियो न्यूक्लाइड का उपयोग
  • रक्षा कर्मियों द्वारा परमाणु परीक्षण किया गया
  • Disposal of nuclear waste (परमाणु कचरे का निपटान)
  • Uranium Mining (यूरेनियम खनन)

6) प्रकाश प्रदूषण (Light Pollution)

Radioactive Pollution

What is Light Pollution? | प्रकाश प्रदूषण क्या है?

प्रकाश प्रदूषण, जिसे प्रकाश प्रदूषण (pradushan) या चमकदार प्रदूषण के रूप में भी जाना जाता है, अत्यधिक या बाधक कृत्रिम प्रकाश है। प्रकाश प्रदूषण (pradushan) पहली बार 1964 में समाचार बना, जब प्रकाश प्रदूषण से बचने के लिए विशेष रूप से एक वेधशाला स्थापित की गई थी।

इस प्रकार वैज्ञानिक परिभाषाओं में निम्नलिखित शामिल हैं –

कृत्रिम प्रकाश द्वारा प्रकाशीय आवास का क्षरण।

कृत्रिम प्रकाश स्रोतों के कारण बाहरी वातावरण में प्राकृतिक प्रकाश के स्तर में परिवर्तन।

प्रकाश प्रदूषण प्रकाश के मानव निर्मित स्रोतों के कारण बाहरी वातावरण में (प्राकृतिक रूप से मौजूद प्रकाश स्तर से) परिवर्तन है। इनडोर प्रकाश प्रदूषण, प्रकाश स्रोतों के कारण इनडोर वातावरण में प्रकाश के स्तर में ऐसा परिवर्तन है, जो मानव स्वास्थ्य से समझौता करता है।

प्रकाश प्रदूषण (pradushan) मनुष्यों द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण में कृत्रिम प्रकाश का परिचय है।

प्रकाश प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य एवं मनोविज्ञान पर प्रभाव –

  1. कार्यकर्ता की थकान, सिरदर्द की घटनाओं में वृद्धि, चिकित्सकीय रूप से परिभाषित तनाव
  2. मूड और चिंता पर असर
  3. स्तन कैंसर का खतरा
  4. रक्तचाप को लगभग आठ अंक बढ़ाएँ.

प्रदूषण पर स्लोगन | Pollution Slogans in Hindi

  • मत फैलाओ अब प्रदूषण पर्यावरण का करें संरक्षण.
  • प्रदूषण को रोकने का संकल्प ले, एक बेहतर पर्यावरण का निर्माण करें
  • प्रदूषण को मिटाएंगे पर्यावरण को स्वच्छ बनाएंगे
  • प्रदूषण की समस्या है विशाल, पर्यावरण के लिए बन गया है काल.
  • पर्यावरण प्रदूषण है एक बीमारी, इससे परेशान है दुनिया सारी.
  • प्रदूषण पर करेंगे वार, पर्यावरण पर बंद करेंगे अत्याचार.
  • प्रदूषण को मिटाना है, पर्यावरण को स्वच्छ बनाना है.
  • हर भारतवासी का है यह सपना, प्रदूषण मुक्त हो भारत अपना.
  • जीवन में एक नया आनंद होगा, जिस दिन प्रदूषण का अंत होगा
  • सब हाथ मिलाकर आगे आए, प्रदूषण को जड़ से मिटाए.

प्रदूषण रोकने के उपाय | Measures To Prevent Pollution

प्रदूषणों को रोकने के लिए हमें कुछ उपाय करने होंगे ताकि आने वाले दिनों मे सबको दिक्कत ना हो. निचे कुछ उपाय दिए है इससे हमें कुछ हत तक प्रदुषण (pradushan) से रहत मेलेगी.

वाहनों का सही तरीके से उपयोग – वाहनों का कम से कम प्रयोग। अपने वाहनों को बनाए रखें और नियमित रूप से उनकी देखभाल कराएं।पटाखों का उपयोग न करें ।
हरित ऊर्जा का उपयोग -जल, हवा, और सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए हरित तकनीकों का उपयोग करें। ऊर्जा बचाने के लिए बुलब और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सावधानी से चुनें।
कचरे का सही तरीके से प्रबंधन – प्लास्ट्रिक की वस्तुओं का प्रयोग न करें।अपने कचरे को अलग करें और उन्हें फिर से उपयोगी बनाने के लिए पुनःसुचित्रित करें।
पुनर्चक्रणित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सही ढंग से निष्क्रिय करें।
वृक्षारोपण और हरियाली – पेड़ी की कटाई न करें। अधिक से अधिक पेड़ लगायें। नगरीय क्षेत्रों में पेड़-पौधों को बढ़ावा दें और उनकी सुरक्षा करें।
हरित छतें और बगीचे बनाएं और इन्हें बढ़ावा दें।
नकारात्मक प्रभावों का प्रबंधन – जल, वायु, और ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए उपायों का अनुसरण करें।
नवाचार तकनीकों का सही तरीके से उपयोग करें।
जनजागरूकता और शिक्षा -लोगों को प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों के बारे में शिक्षित करें।
स्वच्छता अभियानों का समर्थन करें और इसमें भाग लें। रसायन निर्मित वस्तुओं को प्रयोग में न लायें।
इन सरल कदमों के साथ, हम सभी मिलकर प्रदूषण को कम कर सकते हैं और हमारे आसपास को स्वच्छ, सुरक्षित, और हरित बना सकते हैं।

ग्लोबल वार्मिंग क्या होता हैं?

ग्लोबल वार्मिंग में धरती का तापमान बढ़ रहा है, और इसका मुख्य कारण है जहां-जहां हम बहुत ज्यादा ऊर्जा उत्पादन करते हैं, वहां-वहां ज्यादा गैसें छोड़ते हैं जो आसमान में रहकर तापमान बढ़ाती हैं।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण क्या हैं?

गाड़ियां, उद्योग, और ऊर्जा बनाने की विभिन्न कारणों से हम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) जैसी गैसें बनाते हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती हैं। जंगलों और प्राकृतिक स्थानों की कटाई भी इसमें योगदान कर रही है।

ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव –

गर्मी के कारण हमें अधिक तूफान, बर्फबारी, और अन्य असामान्य मौसम का सामना करना पड़ रहा है। समुद्र स्तर बढ़ रहा है, जिससे समुद्री तटों को खतरा है।खाद्य और पानी की उपलब्धता में कमी हो रही है।

ग्लोबल वार्मिंग से हमको राहत कैसे मिलेगी –

हमें हरित ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए। वन्यजनों की सुरक्षा करनी चाहिए और ऊर्जा बनाने में सावधानी बरतनी चाहिए।

ग्लोबल वार्मिंग से हम सभी को सावधान रहना होगा और हमें मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि हमारा आसपास का मौसम सुरक्षित रहे।

प्रदूषण की समस्या से जुड़े प्रश्न उत्तर

प्रदूषण क्या है?

उत्तर: प्रदूषण वायु, जल, और पृथ्वी के तत्वों में अनुष्ठान होने वाले विषाणुओं या अपशिष्ट सामग्रियों के वातावरण में मिश्रण को कहते हैं जो स्वास्थ्य और पर्यावरण को हानि पहुंचा सकता है।

प्रदूषण के प्रकार क्या हैं?

उत्तर: प्रदूषण (pradushan) के प्रमुख प्रकार हैं वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, और अन्य जैसे न्यूक्लियर प्रदूषण।

वायु प्रदूषण का क्या कारण है?

उत्तर: वायु प्रदूषण (pradushan) के कारण मुख्यत: वाहनों, उद्योगों, और ऊर्जा उत्पादन की गतिविधियां हैं, जिसमें अनेक वायुमंडलीय विषाणुएं छोड़ी जाती हैं।

प्रदूषण से होने वाली बीमारियाँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: प्रदूषण (pradushan) से होने वाली बीमारियों में श्वास, त्वचा, और आंतरिक अस्तित्व से संबंधित बीमारियाँ शामिल होती हैं, जैसे कि ब्रॉन्काइटिस, एस्थमा, और कैंसर।

प्रदूषण का मुख्य स्रोत क्या है?

उत्तर: प्रदूषण (pradushan) का मुख्य स्रोत हैं: उद्योग, गाड़ियां, और ऊर्जा उत्पादन। उद्योगों से निकलने वाले वायु प्रदूषण, गाड़ियों की इमिशन, और ऊर्जा बनाने के कामों से निकलने वाले अजीब-अजीब कचरे इसमें शामिल होते हैं।

आपने क्या सीखा | Summary

मुझे आशा है कि मैंने आप लोगों को pradushan ki samasya (Pradushan ek samasya) उसके बारे में पूरी जानकारी दी और मुझे आशा है कि आप लोगों को Pradushan ek samasya उसके बारे में समझ आ गया होगा। यदि आपके मन में इस आर्टिकल को लेकर कोई भी संदेह है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तो इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं।

आपके ये विचार हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मौका देंगे। अगर आपको मेरी यह पोस्ट Pradushan ek samasya in hindi में पसंद आई या आपने इससे कुछ सीखा है तो कृपया अपनी खुशी और जिज्ञासा दिखाने के लिए इस पोस्ट को सोशल नेटवर्क जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि पर शेयर करें।

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3 thoughts on “प्रदुषण एक समस्या पर निबंध | Pradushan ek samasya”

  1. I think every concept you put up in your post is strong and will undoubtedly be implemented. Still, the posts are too brief for inexperienced readers. Would you kindly extend them a little bit from now on? I appreciate the post.

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